Tu Nahi Koi Aur Sahi Shayari - तू नहीं कोई और सही

"तू नहीं कोई और सही" एक लाजवाब शायरी है, जो एक अद्भुत अहसास को व्यक्त करती है। इस शायरी में कहा गया है कि कोई भी नहीं तुम्हारी तरह हो सकता है और तुम्हारी ज़रूरत भी कोई और नहीं हो सकती है। यह शायरी दर्द और अलगाव को दर्शाती है, जो हमारे जीवन में हमेशा उपस्थित होते हैं। इस शायरी का मकसद एक खूबसूरत एहसास को व्यक्त करना है, जो हमारी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।

आज हम देखेंगे - तू नहीं कोई और सही - Tu Nahi Koi Aur Sahi Shayari - Bahut Lambi Hai Jami - Milenge Lakh Hansi - Vikas Divyakirti Sir Shayari


tu nahi koi aur sahi shayari


तू नहीं कोई और सही - tu nahi koi aur sahi shayari - Tu Nahi Koi Aur Sahi Shayari - Bahut Lambi Hai Jami - Milenge Lakh Hansi - Vikas Divyakirti Sir Shayari


तू नहीं तो कोई और सही,
कोई और नहीं तो कोई और सही,
बहुत लंबी हैं जमीन, मिलेंगे लाख हसी,
इस जमाने मे सनम तू अकेली तो नहीं...।

Dr.Vikas Divyakirti Sir.



Tu nahi tho koi aur sahi,
Koi aur nahi to koi aur sahi,
Bahut lambhi hai hamin, milenghe laak hasi,
Is jamane me sanam tu akheli tho nahi...| 

Dr.Vikas Divyakirti Sir.



तू नहीं कोई और सही,
तेरे जैसा नहीं कोई और भी,
तेरी आवाज़ में है ज़िन्दगी की खुशबू, 
तेरे बिना हैं ये ज़िन्दगी बेकार भी।

तेरी हर एक बात में होती है रौनक, 
तेरी हर एक मुस्कान में बसती हैं खुशियाँ, 
तेरी आँखों में होती है एक ज़िंदगी की कहानी, 
तेरे बिना हैं ये ज़िन्दगी बेमानी।

तू नहीं कोई और सही, 
तेरे बिना हमें होती हैं तन्हाई, 
तेरी यादों से भरते हैं हम अपनी रूहें, 
तेरे बिना हमारी दुनिया हैं बेखुदी।

तू नहीं कोई और सही, 
तेरे सिवा हमें नहीं मिलता कोई भी, 
तू है जिसकी तलाश हमें हर पल होती है, 
तेरे बिना हमारी ज़िन्दगी खामोश होती है।


Heart Touching Mirza Ghalib Shayari in Hindi




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